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इंडेक्स मेडिकल कॅालेज हॅास्पिटल के छात्र बुराहनुद्दीन फिदवी और टीम ने जीता 25 लाख रुपए का प्रथम पुरस्कार

05th October, 2023

इंडेक्स मेडिकल कॅालेज हॅास्पिटल के छात्र बुराहनुद्दीन फिदवी और टीम ने जीता 25 लाख रुपए का प्रथम पुरस्कार

दिल्ली में आयोजित प्रतियोगिता में देशभर के राष्ट्रीय स्तर की मेडिकल यूनिवर्सिटी और कॅालेज के युवा चिकित्सक हुए थे शामिल

मालवांचल यूनिवर्सिटी के युवा चिकित्सक को मिला राष्ट्रीय स्तर की चिकित्सा प्रश्नोत्तरी में प्रथम पुरस्कार

इंडेक्स मेडिकल कॅालेज हॅास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के छात्र बुराहनुद्दीन फिदवी ने राष्ट्रीय स्तर की प्रश्नोत्तरी में प्रथम पुरस्कार जीता है। दिल्ली में निजी शिक्षण संस्थान में आयोजित प्रश्नोत्तरी में प्रथम पुरस्कार में छात्र बुराहनुद्दीन और टीम को 25 लाख रुपए की राशि प्रदान की गई। इंडेक्स समूह के चेयरमैन सुरेशसिंह भदौरिया, वाइस चेयरमैन मयंकराज सिंह भदौरिया, इंडेक्स मेडिकल कॅालेज डीन डॅा.जीएस पटेल ने छात्र डॅा.बुराहनुद्दीन टीम को 25 लाख का पुरस्कार जीतने पर बधाई दी। मालवांचल यूनिवर्सिटी के प्रो.चांसलर डॅा.संजीव नारंग,वाइस डीन डॅा.पी न्याती,कम्युनिटी मेडिसिन के डॅा. वीके अरोरा ने डॅा.बुराहनुद्दीन का प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार प्राप्त होने पर सम्मान किया।

चिकित्सा क्षेत्र की सबसे मुश्किल प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता

इंडेक्स मेडिकल कॅालेज के डॅा.बुराहनुद्दीन ने बताया कि प्रतियोगिता में दो प्रकार की प्रश्नोत्तरी आयोजित की गई। इसमें एक में देश के मेडिकल यूनिवर्सिटी के टॅापर और दूसरी में ऑनलाइन टेस्ट के माध्यम से 30 युवाओं को सुपर 30 और उसके बाद सुपर 15 के लिए टीम को चुना गया था।इसमें चिकित्सा क्षेत्र की विभिन्न विषयों पर आधारित प्रश्न प्रतिभागियों से पूछे गए। इसमें फाइनल राउंड में हमारी टीम ने बेहतर प्रदर्शन कर 25 लाख रुपए का प्रथम पुरस्कार जीता है। मालवांचल यूनिवर्सिटी के प्रो.चांसलर डॅा.संजीव नारंग ने बताया कि मालवांचल यूनिवर्सिटी के इंडेक्स मेडिकल कॅालेज के छात्र और टीम को राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार मिलना गौरव की बात है। चिकित्सा क्षेत्र की यह सबसे मुश्किल प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता होती है। इंडेक्स मेडिकल कॅालेज के वाइस डीन डॅा.पी न्याती ने बताया कि इसमें मेडिसिन,रिसर्च से लेकर हर विषय के बारे देशभर के टीमों से सवाल पूछे जाते है। इसमें से कुछ चुनिंदा टीम ही इन कठिन सवालों का जवाब दे पाती है।


रिसर्च के क्षेत्र में इंडेक्स मेडिकल कॅालेज को मिली उपलब्धि

12th September, 2023

भविष्य में आर्टिफिशिय़ल इंटलीजेंस ट्यूमर के मरीजों के लिए मददगार बनेगा

रिसर्च के क्षेत्र में इंडेक्स मेडिकल कॅालेज को मिली उपलब्धि

इंडेक्स मेडिकल कॅालेज मालवांचल यूनिवर्सिटी द्वारा विभिन्न यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर किए जा रहे रिसर्च

इंडेक्स मेडिकल कॅालेज हॅास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर मालवाचंल यूनिवर्सिटी में रिसर्च के क्षेत्र में विभिन्न कार्य किए जाए रहे है।देश के कई विभिन्न संस्थानों के साथ मिलकर छात्रों को रिसर्च के साथ जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। इसी के अंतर्गत इंडेक्स मेडिकल कॅालेज की साइंटिफिक आफिसर डॅा.नेहा जायसवाल आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस और नैनो ड्रग पर आधारित पेटेंट का प्रकाशन भी किया गया। इसी के साथ को रिसर्च के क्षेत्र में विभिन्न उपलब्धि इंडेक्स समूह को हासिल हुई है। डॅा.नेहा जायसवाल ने एंटिआक्सीडेंट हेल्थ एंड डिसीज पर प्रकाशित पुस्तक का संपादन किया है। इस पुस्तक में डॉ संजीव नारंग की ऑक्सेडेंट वरसेस एंटी ऑक्सेडेंट पर राइम्स भी प्रकाशित की गई।

इस पुस्तक का विमोचन इंडेक्स समूह के चेयरमैन सुरेशसिंह भदौरिया,डायरेक्टर आर एस राणावत द्वारा किया गया। इंडेक्स समूह के वाइस चेयरमैन मयंकराज सिंह भदौरिया,इंडेक्स मेडिकल कॅालेज के डीन डॅा.जीएस पटेल,एडिशनल डायरेक्टर आर सी यादव,वाइस डीन डॉ. पी न्याती, इंडेक्स पेथोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ संजीव नारंग,वाइस डीन पी न्याती,इंडेक्स अस्पताल अधीक्षक डॅा.स्वाति प्रशांत ने उन्हें बधाई दी।

डॅा.नेहा जायवाल ने बताया कि इंडेक्स मेडिकल कॅालेज द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में रिसर्च कार्य किए जा रहे है। इसी के इंडेक्स मेडिकल कॅालेज मालवांचल यूनिवर्सिटी ने विभिन्न यूनिवर्सिटी रिसर्च के क्षेत्र में कार्य कर रही है। इसी के अंतर्गत हमने मशीन लर्निंग एंड मैथ्ड्स फॅार फॅारकास्टिंग डिलीवरी टू ट्यूमर पर एक पेंटेंट पर कार्य किया गया। इसका प्रकाशन भारत सरकार द्वारा किया गया। इसमें हमने ट्यूमर के मरीजों में आर्टिफिशयल इंटलीजेंस के जरिए किस तरह तरह नैनो ड्रग दे सकते इस बारे में रिसर्च किया है। इसमें देश के कई यूनिवर्सिटी के साइंटिफिटक रिसर्च टीम ने हमारे साथ काम किया है। इसमें आने वाले समय में स्वास्थ्य के क्षेत्र में आर्टिफिशिय़ल इंटलीजेंस एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला है। इसलिए कई मेडिकल यूनिवर्सिटी खासतौर पर इलाज में आर्टिफिशियल इंटलीजेंस के उपयोग पर कार्य कर रही है।


इंडेक्स मेडिकल कॅालेज,हॅास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर,मालवांचल यूनिवर्सिटी में प्रिवेंशन आफ सेक्सुअल हैरेसमेंट विषय पर सेमिनार

15th September, 2023

उत्पीड़न छुपाना ही उत्पीड़न को बढ़ाने का एक बड़ा कारण

परिवार में महिला और बच्चों के बदलते व्यवहार पर रखे नजर

-इंडेक्स मेडिकल कॅालेज,हॅास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर,मालवांचल यूनिवर्सिटी में प्रिवेंशन आफ सेक्सुअल हैरेसमेंट विषय पर सेमिनार

इंडेक्स मेडिकल कॅालेज,हॅास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर,मालवांचल यूनिवर्सिटी द्वारा प्रिवेंशन आफ सेक्सुअल हैरेसमेंट विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता सीएस दिविजा दवे ने इंडेक्स समूह संस्थान के छात्रों को सेक्सुअल हैरेसमेंट से जुड़े हर मुद्दे के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यौन उत्पीड़न (सेक्सुअल हैरेसमेंट) आज केवल एक मुद्दा नहीं बल्कि किसी महिला और बच्चे की जिंदगीं का सबसे बुरा दौर है। आज सबसे बड़े शर्म की बात तो ये है कि कुछ महिलाएं और बच्चे आए दिन सेक्सुअल हैरेसमेंट से होकर गुजरते हैं। यौन उत्पीड़न के जितने केस हमारे समाज में सामने आते हैं, उससे कहीं ज्यादा केस सामने आने ही नहीं दिए जाते हैं। यौन उत्पीड़न के मामले को अंदर ही दबा देने के कई कारण हैं, जिसमें समाज में बेइज्जती, उत्पीड़न के बाद मिलने वाली धमकी इन सभी कारणों से कई बार ये मामले दबा दिए जाते हैं। इस मामले को छुपाना ही उत्पीड़न को बढ़ाने का एक बड़ा कारण है।भारत में महिलाओं के साथ वर्क प्लेस पर भेदभाव जारी है। कंस्ट्रक्शन, कृषि और आईटी,हेल्थ सेक्टर में मजदूरी और घरों में बाई का काम करने वाली महिलाएं आज भी यौन उत्पीड़न और अपशब्दों का सामना कर रही हैं। एक अध्ययन में पाया गया कि इनकी रोकथाम के लिए बने कानूनों का इस्तेमाल बहुत कम किया जा रहा है।

पहली काउंसलिंग परिवार को खुद ही करना चाहिए

मालवांचल यूनिवर्सिटी के प्रो.वाइस चासंलर डॅा.रामगुलाम राजदान ने कहा कि देश में वर्क प्लेस पर महिलाओं का यौन उत्‍पीड़न रोकने के लिए 2013 में कानून बनाया गया था। इसे पोश एक्ट यानी प्रिवेंशन ऑफ सेक्सुअल हैरेसमेंट कहा जाता है। भारत में वर्क-प्लेस पर जिन महिलाओं का उत्पीड़न हो रहा है, उनमें ज्यादातर गरीब और पिछड़े तबके की महिलाएं हैं। उत्पीड़न की शिकार महिलाओं की कई बार मौत हो जाती है।चिकित्सा अधीक्षक डॅा.स्वाति प्रशांत ने कहा कि बच्चों के बदलते व्यवहार पर खासतौर पर अभिभावकों को ध्यान रखना चाहिए। यदि वह सेक्सुअल हैरेसमेंट के शिकार हो रहे है उनकी पहली काउंसलिंग परिवार को खुद ही करना चाहिए। उनसे हर मुद्दे पर उनसे पूरी जानकारी लेना सबसे पहले जरूरी है। इसी के साथ महिलाओं को ही इसके रोकथाम के लिए आवाज उठानी होगी। बहुत सी महिलाएं अपने साथ होने वाले उत्पीड़न को लेकर चुप रहती हैं, उन्हें भी इसका विरोध करना चाहिए और न्याय के लिए प्रयास करना चाहिए। इंडेक्स समूह के चेयरमैन सुरेशसिंह भदौरिया और वाइस चेयरमैन मयंकराज सिंह भदौरिया के मार्गदर्शन में कार्यक्रम आयोजित किया गया। इंडेक्स समूह के डायरेक्टर आर.एस राणावत,एडिशनल डायरेक्टर आर सी यादव, इंडेक्स मेडिकल कॅालेज डीन डॅा.जीएस पटेल,क्वालिटी एंड एक्रेडिटेशन सीईओ डॅा.ज्योति घसोलिया,डॅा.सुधीर मौर्या उपस्थित थे।